दौलतपुर महल सीहोर जिले के इछावर तहसील में दौलतपुर गांव में स्थित है जो सीहोर जिले से 42 किलोमीटर दूर स्थित है।
दौलतपुर महल खिवनी वाइल्डलाइफ सैंचुरी के पास स्थित है, हालांकि ज्यादातर पर्यटकों को इस दौलतपुर महल के बारे में जानकारी न होने के कारण एक ऐतिहासिक स्थान को देखने से चूक जाते हैं ।
दौलतपुर महल का बारिश के मौसम में नजारा देखते बनता है ।
दौलतपुर महल का इतिहास
यह दौलतपुर महल ग्राम दौलतपुर तहसील इछावर जिला सीहोर (मध्यप्रदेश) के पूर्व में राजपूत रियासत थी। दौलतपुर स्थित महल करीब चार सौ साल पुराना है, दौलतपुर राज्य की स्थापना 17 वीं सदी के लगभग राजस्थान के शहर जोधपुर से आएं राजपूत राठौड़ परिवार के प्रतिनिधि राजा दोलशाहजी ने सन् 1650 में की थी। साथ ही एक छ : मंजिला भव्य दौलतपुर महल का निर्माण किया था।
इसके बाद इनके वंशज राज्य की गद्दी पर काबिज रहे। हालांकि इस दौरान कई उतार चढाव भी आएं। वर्ष 1958 के आसपास दौलतपुर रियासत के तात्कालिक व अंतिम शासक राजा जगन्नाथसिंह थे। रिहासी महल (गढी), कुलदेवी का मंदिर गादीमाता का मंदिर तथा ग्राम का शीतला माता का मंदिर ग्राम दौलतपुर में स्थित है। यह कि उक्त रिहासी दौलतपुर महल (गढी) ग्राम दौलतपुर के राजस्व खसरा क्रमांक 15 मे स्थित है।
इसकी देखभाल राजवंश के सदस्य ठाकुर सुरेन्द्र सिंह सौलंकी दरबार कर रहे हैं
1996 से खाली पड़ी दौलतपुर की राजगद्दी पर हुआ राजतिलक
दौलतपुर राजघराने के महाराज भरत इंदर सिंह 1996 में इस दुनिया से चले गए। उनके जाने के बाद दौलतपुर की राजगद्दी खाली हो गई। 24 साल बाद उनकी पत्नी हितेंद्र कुमारी ने जयपुर निवासी अपने नाती ओंकार सिंह को गोद लिया। उनकी ताजपोशी 2020 मे हुई। उनका राजतिलक कर उन्हे शाही तलवार दी। 2020 से वह दौलतपुर के महाराज बन गए । अब उनका नाम ओंकार इंदर सिंह हो गया|
खिवनी वाइल्डलाइफ सैंचुरी
खिवनी एक वाइल्डलाइफ सैंचुरी है जो देवास जिले की कन्नोद तहसील और मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के कुछ हिस्सों में स्थित है। यह 132 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह गलियारों के माध्यम से रातापानी टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है। शुष्क पर्णपाती वन में सागौन, तेंदु और बांस हैं।
इसमें बाघों की मौजूदगी है, जो जाहिर तौर पर रातापानी से पलायन कर खेओनी में बस गए हैं। तेंदुए काफी संख्या में मौजूद हैं। अन्य सामान्य रूप से पाए जाने वाले मांसाहारी जंगली बिल्लियाँ, सियार और धारीदार लकड़बग्घा हैं। प्रमुख शाकाहारी प्रजातियाँ नीलगाय, काला हिरण, चिंकारा और चीतल (चित्तीदार हिरण) हैं। सांभर, जंगली सूअर, भौंकने वाले हिरण, चार सींग वाले मृग और ताड़ के सिवेट भी मौजूद हैं, लेकिन शायद ही कभी देखे जाते हैं।
अप्रैल 2018 में किए गए एक पक्षी सर्वेक्षण के अनुसार, खिवनी वाइल्डलाइफ सैंचुरी में लगभग 125 प्रजातियों के पक्षी हैं, जिनमें मध्य प्रदेश का राज्य पक्षी, भारतीय पैराडाइज फ्लाईकैचर भी शामिल है। अन्य पक्षियों में प्लम-हेडेड पैराकीट, यूरेशियन कॉलरड डव, लाफिंग डव, चेस्टनट शोल्डर्ड पेट्रोनिया, कॉमन क्रो और ब्लैक ड्रोंगो प्रचुर मात्रा में हैं।



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