डॉ. नागेन्द्र शर्मा लगभग 90,000 मरीज़ों का मुफ्त इलाज किया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को एक माह की दवाइयाँ भी मुफ्त प्रदान की जाती हैं, ताकि उनका उपचार सुचारु रूप से चलता रहे।

डॉ. नागेन्द्र शर्मा ने मिर्गी से पीड़ित ऐसे अनगिनत मरीजों की दयनीय स्थिति देखी नहीं गई , जो इलाज का खर्च वहन नहीं कर सकते थे। इसी जरूरत को देखते हुए, उन्होंने 28 फरवरी 1999 को निःशुल्क मिर्गी शिविरों की शुरुआत की। तब से अब तक वे 260 से अधिक शिविरों का आयोजन कर चुके हैं, जिनमें लगभग 90,000 मरीज़ों का मुफ्त इलाज किया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को एक माह की दवाइयाँ भी मुफ्त प्रदान की जाती हैं, ताकि उनका उपचार सुचारु रूप से चलता रहे।
डॉ. नागेन्द्र शर्मा का जीवन परिचय
डॉ. नागेन्द्र शर्मा रतनगढ़-चूरू के पास स्थित एक छोटे से गाँव से ताल्लुक रखने वाले, डॉ. शर्मा ने अपनी माँ की अंतिम इच्छा से प्रेरित होकर डॉक्टर बनने का सपना पूरा किया। उनके पिता, जो रेलवे में कार्यरत थे, ने आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद उन्हें पढ़ाया-लिखाया।
डॉ. नागेन्द्र शर्मा ने 1987 में मुंबई के ग्रांट मेडिकल कॉलेज से स्नातक किया और 1989 में राजस्थान के पहले न्यूरोसर्जन बने। हाल समय मे जोधपुर (राजस्थान) मे मिर्गी के वरिष्ठ न्यूरोसर्जन हैं, जो पिछले 25 वर्षों से मिर्गी के मरीज़ों का निःशुल्क इलाज कर रहे हैं।
उनका का यह प्रयास न केवल जोधपुर या राजस्थान नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए एक प्रेरणा है, जो दर्शाता है कि समर्पण और मानवता की भावना से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।
डॉ. नागेन्द्र शर्मा की पुस्तके
मानव मस्तिष्क एवं मिर्गी(Human brain and epilepsy)
मिर्गी कारण और निवारण (Epilepsy cause and cure)